जब दूध को कमरे के तापमान पर छोड़ दिया जाता है, तो उसमें ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया और सूक्ष्मजीवों का विकास होता है

गर्मियों में कमरे के तापमान पर दूध रखने से ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया तेज़ होती है

दूध में मौजूद बैक्टीरिया लैक्टोज को लैक्टिक एसिड में बदलते हैं

लैक्टिक एसिड के कारण दूध का पीएच स्तर घटता है और दूध खट्टा हो जाता है

खट्टा होने से दूध का प्रोटीन जम जाता है और पानी अलग हो जाता है

दूध को गंदे बर्तन में रखने से यह जल्दी खट्टा हो सकता है

ऊँचे यानि ज़्यादा तापमान पर दूध जल्दी खट्टा होता है

दूध को साफ, सूखे और ठंडे स्थान पर रखने से यह ताज़ा रहता है

दूध को सूरज की रोशनी से दूर रखना चाहिए, ताकि इसमें मौजूद विटामिन्स नष्ट न हों

खट्टा दूध पाचन के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन बहुत ज़्यादा खट्टा होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है