जब पानी भाप बनकर आसमान में ऊपर उठता है, तो ठंडे तापमान पर जमने लगता है

ऊंचाई पर तापमान शून्य से नीचे हो जाता है, जिससे पानी की बूंदें बर्फ में बदल जाती हैं

बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े बनने लगते हैं, जिन्हें हम ओले कहते हैं

हवा की गति और दबाव भी ओलों के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

जब बर्फ के टुकड़ों का वजन बढ़ जाता है, तो वे नीचे गिरने लगते हैं

नीचे आते-आते ओले छोटे हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी बड़े ओले भी गिरते हैं

ओलों के गिरने का समय अक्सर दोपहर और शाम के बीच होता है

ओलावृष्टि से तापमान में अचानक गिरावट आ जाती है

ओले फसलों, वाहनों और कांच की छतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं

ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा खतरा सर्दियों और मानसून से पहले के समय में होता है