आईपीएल का आयोजन भारत में हर साल होता है

इसके लिए बकायदा ऑक्शन कराया जाता है

इस ऑक्शन में एक-एक खिलाड़ी लाखों करोड़ों में बिकते हैं

जब भी आईपीएल या किसी भी और लीग में ऑक्शन प्राइज मिलती है

तो उसमें टीडीएस कटता है

सामान्य तौर पर भारतीय खिलाड़ियों को जितना पेमेंट मिलता है

उसका 10 फीसदी टीडीएस कटता है

इसके साथ इन्हें टैक्स भी देना पड़ता है

विदेशी खिलाड़ियों 20 फीसदी टीडीएस देना होता है

विदेशी खिलाड़ियों को टीडीएस के अलावा और कोई टैक्स नहीं देना होता है