इस्लाम में निसाब एक न्यूनतम राशि होती है

जो एक व्यक्ति के पास जकात देने से पहले होनी चाहिए

अगर कोई व्यक्ति दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है

अगर उस व्यक्ति के पास 52.2 तोला की चांदी या 7.5 तोला सोना है

या फिर वह व्यक्ति किसी व्यावसायिक वस्तु का मालिकाना हो

तो उसे जकात का निसाब कहा जाता है

अगर किसी व्यक्ति के पास एक वर्ष से ज्यादा समय तक निसाब की मात्रा के बराबर संपत्ति है

तो उस व्यक्ति को जकात देना होगा

अपनी पूरे साल की बचत का 2.5% हिस्सा जकात के रूप में देना होता है

हर मुसलमान को जकात देना जरूरी होता है.