प्लेन को देखने पर लगता है कि प्लेन 100- 200 फीट ऊपर उड़ रहा होगा

लेकिन ऐसा नहीं है

प्लेन लगभग 40000 फीट ऊंचाई पर उड़ता है

या उससे कुछ ज्यादा एल्टीट्यूड पर ही होती है

प्लेन के इतनी ऊंचाई पर उड़ने के कई कारण हो सकते हैं

इसका वैज्ञानिक कारण है एयर मॉलिक्यूल निर्भर करता है

जिस ऊंचाई पर प्लेन उड़ता है वहां एयर मॉलिक्यूल काफी घने होते हैं

साथ ही इस ऊंचाई पर हवा भी पतली हो जाती है

ऐसे में हवाई जहाज क्षमता के साथ आसानी से हवा में उड़ पाता है

प्लेन का माइलेज भी इसकी वजह से बढ़ जाता है