1980, एम. बी. हनीफा ने पहली वोटिंग मशीन को बनाया था

तब इसका नाम इलेक्ट्रॉनिक्ली ऑपरेटेड वोट काउंटिंग था

इसका ओरिजनल डिजाइन तमिलनाडु के सरकारी एग्जीबिशन दिखाया गया

इसका पहली बार यूज 1982 में किया गया था

जिससे केरल के उत्तर परवूर में उप-चुनाव में हुआ था

शुरुआत में इसका विरोध किया गया था

1998 में EVM का इस्तेमाल 16 विधानसभा में हुआ था

1999 में  46 लोकसभा सीट पर इन्हें इस्तेमाल किया गया

2004 में लोकसभा चुनाव में EVM का इस्तेमाल सभी सीट पर हुआ

इससे कम समय में सुविधा के साथ वोटिंग हो जाती है