बताया जाता है कि करोड़ों साल से जानवर के पूंछ हुआ करती थी

शुरुआत में मछलियों में पंख नुमा पूंछ देखने को मिलती थी

जानवर पूंछ का उपयोग संतुलन बनाने के लिए करते हैं

साथ ही संचार करने के लिए भी इसका यूज करते हैं

डायनासोर भी पूंछ का उपयोग संतुलन बनाने के लिए करते थे

कई जानवर पूंछ का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए करते हैं

आपने देखा भी होगा कुछ जानवर परेशानी में अपनी पूंछ हिलाते हैं

इससे वह अपना बचाव करते हैं

कुछ जानवर पूंछ के जरिए कोड भाषा में बात करते हैं

इस तरह जानवरों के लिए पूंछ बड़ी सहयोगी साबित होती है