जब रेल मुड़ती है, वहां पटरियों का जाल होता है

पटरी लॉकिंग सिस्टम पर काम करती है

इनसे ही ट्रेन को दिशा मिलती है

जहां रेल मुड़ती है वहां पटरी थोड़ी घूमी होती है

यहां एक पटरी से दूसरी पटरी लगी होती है

जिसमें सपोर्ट वाली पटरी को एडस्ट करके दूसरी पटरी से चिपका दिया जाता है

इससे पटरी की दिशा बदल जाती है

ट्रेन के टायर पटरी में फंसे रहते हैं

इन टायरों को तिरछी पटरी के साथ एडस्ट करके दूसरे ट्रैक से जोड़ दिया जाता है

ट्रेन की पटरियों की ये शिफ्टिंग हमेशा चलती रहती है, इससे रेल दिशा दी जाती है