मदरसों में दूसरे स्कूलों की तरह ही पढ़ाई होती है

स्कूल की तरह पहली-दूसरी क्लास मदरसों में भी होती है

शुरुआत ऊला से होती है, इसके बाद सानिया होता है

उसके बाद सालसा, राबया, खामेशा, सादेसा, साबेया और सामेन की क्लास होती है

सादेसा को ग्रैजुएशन माना जा सकता है, इसमें आलिम की डिग्री मिलती है

आम भाषा में सानिया को हाई स्कूल कहा जा सकता है

राबया और खामेशा तक पढ़ने वाले को मौलवी की डिग्री मिलती है

साबेया और सामेन को फाजिल की डिग्री दी जाती है

फाजिल को MA के बराबर कहा जा सकता है

इसके बाद किसी को पढ़ना हो, तो वो रिसर्च करता है

रिसर्च पूरी करने पर उसे मुफ्ती की डिग्री मिल जाती है