यूरोप को भारत के बारे में जानकारी जेसुइट धर्म प्रचारकों, यात्रियों, व्यापारियों आदि से हुई

अकबर ईसाई धर्म के विषय में जानने को बहुत उत्सुक था

वह सभी धर्मों का सम्मान करता था

इसलिए उसने उसने जेसुइट पादरियों को बुलाने के लिए एक दूतमंडल गोवा भेजा

1580 में पादरियों का पहला काफिला फतेहपुर सीकरी पहुंचा

ये लोग वहां लगभग दो साल तक रहें

इन जेसुइट लोगों ने ईसाई धर्म के बारे में अकबर से बात की

लाहौर के मुगल दरबार में दो और पादरियों का काफिला भेजे गए

ये काफिले 1591 और 1595 में भेजे गए थे

सार्वजनिक सभाओं में जेसुइट लोगों को अकबर के सिंहासन के काफी नजदीक स्थान दिया जाता था

अकबर के इस व्यवहार ने ईसाई लोगों को बहुत प्रभावित किया था