चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति शास्त्र में मनुष्य जीवन की सभी मुश्किलों का हल बताया है.



अगर मनुष्य को सुख-शांति और ऐश्वर्य और



सम्मान के साथ जीना है तो जवानी में ही में



इन पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए.



आइए जानते हैं कि वो कौन सी 5 आदतें हैं,



जिनका पालन करके बुढ़ापे को सफल बनाया जा सकता है.



बुढ़ापे में आपको रोटी आपकी औलाद नहीं, आपके दिए हुए संस्कार खिलाएंगे.



यदि आप अपने बच्चे के समक्ष खुद को अच्छे व्यक्तित्व में



नहीं पेश करेंगे तो बच्चा आपका कभी सम्मान नहीं करेगा.



आचार्य के अनुसार, ईश्वर चित्र में नहीं बल्कि चरित्र में बसता है.



अगर आपका चरित्र बेदाग रहेगा तो बुढ़ापे में भी लोग इज्जत करेंगे.



चाणक्य कहते हैं कि कभी भी पद यानी कुर्सी का घमंड नहीं करना चाहिए.