काले धान की खेती बिल्कुल नॉर्मल धान की तरह होती है

मई में इसकी नर्सरी लगाई जाती है

जून में इसकी रोपाई शुरू हो जाती है

वहीं करीब 5 से 6 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है

भारत में इस वक्त इसकी खेती कई राज्यों में हो रही है

मुख्य रूप से इसकी खेती मणिपुर और असम में ही होती है

काले धान से निकलने वाले काले चावल की बाजार में डिमांड रहती है

इसमें विटामिन बी, विटामीन ई और कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं

कीमत की बात करें तो यह 400 से 500 रुपये किलो बड़े आराम से बिक जाती है

इस चावल की डिमांड खासतौर से इंडोनेशिया और अन्य एशियाई देशों में है