भगवान शिव के श्रृंगार से लेकर पोशाक सभी अत्यंत विशिष्ट और रहस्यमय है.

शिवजी वस्त्र के रूप में बाघ का छाल धारण करते हैं.

यह केवल वस्त्र नहीं, बल्कि शिव के वैराग्य, शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है.

पौराणिक कथा के अनुसार, शिव की परीक्षा लेने के लिए ऋषियों ने यज्ञ से बाघ उत्पन्न किया था.

बाघ ने शिवजी पर हमला किया, लेकिन शिव ने बाघ को मारकर उसकी छाल पहन ली.

बाघ पर हमला कर शिव ने ऋषियों के घमंड और अज्ञानता को नष्ट कर दिया.

बाघ को परास्त करना शिव के अहंकार, क्रोध और हिंसा पर विजय को दर्शाता है.

शिव का बाघ के छाल को धारण करना तामसिक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण का संदेश देता है.