हमें कर्म करते रहना चाहिए.



कर्म ही जीवन का धर्म है.



फल की चिंता किए बिना कर्म करो.



जीवन में आलस ही आपका सबसे बड़ा शत्रु है.



मन नहीं है तभी कर्म करों.



जब आप मन के विरुद्ध काम करोगे तभी सफलता मिलेगी.



ईश्वर भी उसको पसंद करते हैं, जो कर्म करता है.



कर्मयोग से ही दुख दूर होते हैं.



हर कर्म में ईश्वर का ध्यान करें.