ज्योतिष शास्त्र में कुछ विशेष योग व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.



इन्हीं में से एक 'भाग्य दोष' भी है. जो व्यक्ति के जीवन को संकट में डाल सकता है.



भाग्य दोष कुंडली में तब बनता है, जब शनि, राहु और मंगल एक राशि या भाव में होते हैं.



इस दोष को कष्ट और गंभीर देने वाला दोष माना जाता है.



कुंडली में भाग्य दोष होने के कारण जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा सकता है.



भाग्य दोष तब और घातक बना जाता है, जब ये लग्न, अष्टम, द्वादश भाव में हो.



कुंडली में इसकी पुष्टि ग्रह दशा और गोचर से तय होती है.



ज्योतिषाचार्य भाग्य दोष से बचने के लिए पूजा पाठ और विशेष तरह के उपाय करने की सलाह देते हैं.



आप जानकार ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखाकर इस योग की जांच करा सकते हैं.