वट सावित्री व्रत के 15 दिन बाद वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है.

ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री और ज्येष्ठ पूर्णिमा को व्रट पूर्णिमा होती है.

06 जून को वट सावित्री के बाद 21 जून 2024 को
वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा.


वट पूर्णिमा का व्रत भी सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं.

इस दिन महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करती हैं.

वट वृक्ष के पास सत्यवान और सावित्री की फोटो या मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है.

इसके बद वस्त्र, फूल, सतनाज, धूप-दीप आदि सभी पूजा सामग्री चढ़ाई जाती है.

वट वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करते हुए मौली या सूत बांधा जाता है.

फिर सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी या पढ़ी जाती है.

पूजा संपन्न होने के बाद महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं या एक वक्त मीठी भोजन ग्रहण करती हैं.