भारत की सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को वैश्विक मंच पर बड़ी पहचान मिली है.

यूनेस्को ने श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र को वैश्विक धरोहर की मान्यता दी.

गीता और नाट्यशास्त्र को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया.

आज वर्ल्ड हेरिटेज डे पर गीता और नाट्यशास्त्र शामिल किया गया.

श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है.

वहीं नाट्यशास्त्र भरत मुनि द्वारा रचित है.

गीता और नाट्यशास्त्र ने सभ्यता और चेतना का सदियों से पोषण किया है.

भारत की अब 14 अमूल्य कृतियां अंतरराष्ट्रीय सूची का हिस्सा बन चुकी है.