आश्विन पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा कहा जाता है.

इस रात्रि 16 कलाओं के परिपूर्ण चंद्रमा की किरणों को अमृत समान माना गया है.

शास्त्रों में कहा गया है कि, शरद पूर्णिमा की रात्रि आसमान से अमृत वर्षा होती है.

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चंद्रमा के प्रकाश के नीचे रखने की परंपरा है.

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के प्रकाश के नीचे रखी खीर को अमृतमयी कहा गया है.

क्योंकि माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के प्रकाश से अमृत वर्षा होती है.

मान्यता है कि रात्रि आसमान के नीचे रखे खीर में अमृत के गुण आ जाते हैं.

इसलिए शरद पूर्णिमा की खीर अमृतमयी और स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है.