शनि जयंती पर अधिकतर लोग शनि देव की पूजा करते हैं
लेकिन इन नियमों को जरुर जान लें, नहीं तो अनिष्ट हो सकता है.


शनि जयंती पर शनि देव की मूर्ति के सीधे सामने खड़े
होकर पूजा न करें.


शनि देव की आंखों में देखकर पूजन नहीं करना चाहिए.
इससे उनकी कुदृष्टि पड़ती है .जीवन में कष्ट बढ़ते हैं.


शनि जयंती पर पूजा में तांबे के बर्तनों का प्रयोग न करें, ये
सूर्य का प्रतीक है और सूर्य-शनि विरोधी ग्रह है.


शनि जयंती पर सूर्यास्त के बाद शनि देव का पूजन करें.
सुबह सूर्य का प्रभाव रहता है.


शनि जयंती पर शनि देव को भूलकर भी लाल फूल न चढ़ाएं.
लाल मंगल का रंग है और मंगल-शनि शत्रु ग्रह है.


शनि जयंती पर शनि देव की मूर्ति नहीं बल्कि बल्कि पीपल
में जल चढ़ाएं. प्रतिमा पर सिर्फ तेल चढ़ाया जाता है.


इस साल शनि जयंती 27 मई 2025 को है.