बदरीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है.



बद्रीनाथ नाम माता लक्ष्मी के त्याग से जुड़ा है.



विष्णु जी तपस्या में लीन थे और बर्फ में दब गए थे.



लक्ष्मी जी ने बदरी वृक्ष का रूप लेकर उनकी रक्षा की.



तप के बाद विष्णु जी ने उन्हें वरदान दिया.



इसलिए भगवान विष्णु को बदरीनाथ कहा जाने लगा.



तप स्थल अब तप्त कुंड के नाम से प्रसिद्ध है.



तप्त कुंड में हर मौसम में गर्म पानी रहता है.



मंदिर आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों में से एक है.



यह मंदिर गर्भगृह, दर्शन मंडप और सभा मंडप में बांटा गया है.