हिंदू धर्म में शादी से पहले आज भी वर-वधु की
कुंडली मिलान को विशेष मान्यता दी जाती है.


सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुण मिलान
जरुर किया जाता है.


दरअसल विवाह से पहले कुंडली मिलान कर ये पता
लगाया जाता है ये संबंध सफल होगा या नहीं.


दांपत्य जीवन में भविष्य में किसी तरह की कोई बाधा
तो नहीं आने वाली है, ये कुंडली देखकर बताया जाता है.


सफल विवाह के लिए कुंडली में गुण पर विचार किया जाता है.



36 में से कम से कम 18 से 25 गुण का मिलान
होना, सफल विवाह का प्रतीक कहलाता है.


वहीं 36 गुण मिलना बेहद दुर्लभ माना जाता है. कहते हैं
श्रीराम और माता सीता के 36 गुण मिले थे.


कुंडली मिलान में आमतौर पर मांगलिक दोष, नाड़ी दोष,
भकूट दो, ग्रह मैत्री आदि पर विचार किया जाता है.