रमजान के महीने में रोजा, नमाज, तरावीह, कुरान आदि का दौर चल रहा है.

लेकिन इसी के साथ रमजान में जकात और फितरा का महत्व है.

आइये जानते हैं आखिर जकात और फितरा क्या है.

जकात को इस्लाम के 5 बुनियादी स्तंभों में एक माना जाता है.

रमजान में जकात देना सुन्ना यानी वाजिब है.

जकात में आमदनी का 2.5 फीसदी हिस्सा गरीब को देना होता है.

फितरा ईद की नमाज से पहले दी जाती है.

फितरा में आप क्या और कितना देंगे इसकी कोई सीमा नहीं है.

लेकिन रमजान में जकात देना रोजा और नमाज जितना ही जरूरी है.