नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.


मां की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें.
सबसे पहले गणपति जी की पूजा करें.


फिर मां कात्यायनी का आह्वान करें.
देवी को लाल या गुलाबी पुष्प अर्पित करें.


मां को शहद का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है.
धूप, दीप और कपूर जलाकर आरती करें.


दुर्गा सप्तशती या कात्यायनी मंत्र का जाप करें.
मां कात्यायनी का बीज मंत्र – ॐ देवी कात्यायन्यै नमः.


मां को लाल और गुलाबी रंग अधिक प्रिय हैं.
इस दिन लाल या गुलाबी वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.


श्रद्धा से मां की उपासना करने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत फलदायी होता है.


देवी को हलवा, पूड़ी और चने का प्रसाद अर्पित करें.
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना श्रेष्ठ माना जाता है.


मां की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं.
साधक को संयम और श्रद्धा के साथ पूजा करनी चाहिए.


अंत में भक्तों में प्रसाद वितरित करें.
मां कात्यायनी की पूजा से शक्ति, ज्ञान और विजय प्राप्त होती है.