नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा को समर्पित होता है.
मां कात्यायनी शक्ति और पराक्रम की देवी मानी जाती हैं.


इनकी आराधना से भक्तों को अद्भुत सफलता प्राप्त होती है.
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है.


इनका वाहन सिंह है, जो शक्ति का प्रतीक है.
साधक इनकी कृपा से अपने कार्यों में सफलता पाते हैं.


शिक्षा, करियर और व्यवसाय में उन्नति के लिए इनकी पूजा की जाती है.
मां कात्यायनी का बीज मंत्र जाप से मनोवांछित फल प्राप्त होता है.


इनका प्रमुख मंत्र है – ॐ देवी कात्यायन्यै नमः.
इस दिन साधकों को पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.


मां कात्यायनी का प्रसाद शहद होता है, जो स्वास्थ्यवर्धक है.
देवी की पूजा से विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं.


कुंवारी कन्याएं विशेष रूप से मां कात्यायनी का व्रत रखती हैं.
इनकी साधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.


मां कात्यायनी का ध्यान करने से भय और नकारात्मकता दूर होती है.
भक्तों को इस दिन सच्चे मन से मां का स्मरण करना चाहिए.


माता का आशीर्वाद हर क्षेत्र में विजय दिलाने वाला होता है.
मां कात्यायनी को लाल पुष्प अर्पित करने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं.


इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अत्यंत लाभकारी होता है.
मां कात्यायनी की उपासना से सभी कष्टों का नाश होता है.