जिस व्यक्ति ने जन्म लिया है उसे एक न एक दिन
अपना शरीर त्यागना पड़ता है, क्योंकि मृत्यु अटल सत्य है.


प्राण लेने से पहले यमराज भी व्यक्ति को कुछ संकेत देते हैं कि
उसकी मृत्यु अब निकट है.


मृत्यु से पहले व्यक्ति व्यक्ति की ज्ञानेन्द्रिय कमजोर पड़ जाती है.
सुनना और दिखना कम हो जाता है.


पानी में, तेल में, दर्पण में अपनी छवि नहीं दिखाई देना भी
मृत्यु के निकट होने का संकेत है.


व्यक्ति को उसके जीवन के सारे कर्म, जन्म से लेकर अभी तक
बार-बार याद आने लगे.


जब मृत्यु की घड़ी निकट आती है तो यम के दूत व्यक्ति को
दिखाई देने लगते हैं. ऐसा गरुड़ पुराण में कहा गया है.


जिनके कर्म अच्छे नहीं होते, वे यम के भयंकर दूतों को
सामने खड़े देखकर भयभीत होते रहते हैं.


मृत्यु निकट हो तो व्यक्ति की आवाज भी खत्म हो जाती है
और वह बोलने की कोशिश करता है लेकिन बोल नहीं पाता.