मंदिर में पूजा के बाद मिला प्रसाद दैवीय

ऊर्जा से युक्त आशीर्वाद होता है.

कई लोग भ्रम में रहते हैं कि मंदिर का प्रसाद

घर लाना उचित है या नहीं.

शास्त्र के अनुसार, मंदिर या देवस्थान का प्रसाद

वहीं श्रद्धा से ग्रहण करना चाहिए..

क्योंकि उस समय वह स्थान

ईश्वरीय ऊर्जा से परिपूर्ण होता है.

यदि किसी कारण प्रसाद वहीं ग्रहण न कर पाएं,

तो शुद्ध भाव से घर ला सकते हैं.

लेकिन ऐसे 5 देवस्थान या मंदिर हैं जहां से मिला

प्रसाद घर नहीं लाना चाहिए.

मेहंदीपुर बालाजी, कामख्या देवी, काल भैरव ,

नैना देवी और कोटिलिंगेश्वर मंदिर.

ये ऐसे पांच मंदिर हैं, जहां से मिला प्रसाद घर

लाना अपशकुन माना जाता है.

इनमें कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां प्रसाद केवल प्रतीकात्मक

रूप से ग्रहण किया जाता है.