सावन में शिव साधना के लिए पूजा पाठ के अलावा
कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है.


कांवड़ यात्रा में लोग मीलों दूर, कंधे पर कांवड़ रखकर
पैदल यात्रा करते हैं और कांवड़ में जल भरकर लाते हैं.


सावन के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा आरंभ हो जाती है.
कांवड़िए कांवड़ में गंगा या किसी पवित्र नदी से जल लाते हैं.


कांवड़ में भरा जल शिव जी को सावन शिवरात्रि के दिन
चढ़ाया जाता है.


मान्यता है कि जो कांवड़ यात्रा करता है उसके जन्मों जन्मांतर
के पाप धुल जाते हैं.


इस साल 11 जुलाई से सावन और कांवड़ यात्रा शुरू होगी.



सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी.



भक्त आमतौर पर हरिद्वार, गौमुख, गंगोत्री
जैसे पवित्र स्थानों से जल भरकर लाते हैं.