मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से सावन माह के मंगलवार को रखा जाता है.

मंगला गौरी का व्रत रखकर सुहागिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं.

इस व्रत से अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है.

मंगला गौरी व्रत में 16 संख्या का विशेष धार्मिक महत्व होता है.

जैसे 16 पूजन सामग्री, 16 श्रृंगार के सामान, 16 भोग आदि.

यही कारण है कि पूजा में सभी चीजें 16 की संख्या मे चढ़ाई जाती हैं.

पूजन सामग्रियों जैसे चूड़ी, सुपारी, पान, लौंग, फूल आदि की संख्या 16 में रहती है.

मंगला गौरी व्रत में 16 संख्या नारी जीवन की संपूर्णता, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है.