गंगा दशहरा 5 जून 2025 को है. पितरों की आत्मा की
शांति के लिए इस दिन तर्पण, पिंडदान करना श्रेष्ठ होता है.


गंगा दशहरा के दिन किसी नदी, तालाब किनारे पितरों का
तर्पण नहीं कर पा रहे हैं तो घर में कैसे करें ये काम जान लें.


गंगा दशहरा पर घर पर तर्पण के लिए तांबे का बर्तन, जौ, तिल,
चावल, गाय का कच्चा दूध, सफेद फूल, गोबर का कंडा, घी लें.


इसके बाद लौटे में जलभर गंगाजल डालें, दक्षिण दिशा में मुंह कर
बैठें, हाथों में कुशा लें, सीधे हाथ के अंगूठे से जल एक पात्र में डालें.


11 बार तर्पण करें और पितरों का ध्यान करें. इसके बाद
पंचबलि भोग निकालें.


फिर 10 की संख्या में ब्राह्मण को दान दें.



मान्यता है कि इस तरह गंगा दशहरा पर पितरों का तर्पण
करने पर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.


एक साफ कागज पर गंगा स्त्रोत लिखें और उसे पीपल
के पेड़ के नीचे गाड़ दें. इससे मनोकामना पूरी होने की मान्यता है.