देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं
और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं.


जिस तरह देवउठनी एकादशी पर विष्णु जी को नींद से जगाया
जाता है उसी तरह देवशयनी एकादशी पर श्रीहरि को सुलाते हैं.


इस दिन विष्णु जी को सुलाने के लिए खास विधि अपनाई
जाती है. पहले व्रत का संकल्प लेकर विष्णु जी का पूजन करें.


अब भोग लगाने के बाद सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं
भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम्।


इस मंत्र का जाप करें, ये श्रीहरि को सुलाने का मंत्र है.



इसके बाद शाम को तुलसी के पास घी का दीपक लगाकर
विष्णु जी के मंत्र का जाप करें.


इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई 2025 को है.



इसके बाद से चातुर्मास शुरू होंगे और फिर 1 नवंबर को
देवउठनी एकादशी पर विष्णु जी जागेंगे.