गौ दान हिंदू धर्म में सबसे
बड़ा पुण्य कार्य माना गया है.


गरुड़ पुराण के अनुसार गौ दान से आत्मा को मृत्यु के
बाद वैतरणी नदी पार करने में मदद मिलती है.


पापी आत्माओं के लिए यह नदी
पार करना बहुत कठिन होता है.


गौ दान करने वाला व्यक्ति यमलोक
की यातनाओं से मुक्त हो जाता है.


गाय को माता के समान पवित्र माना जाता है,
इसलिए उसका दान महादान कहलाता है.


विधिपूर्वक गौ दान करने से व्यक्ति को
स्वर्ग और शुभ लोकों की प्राप्ति होती है.


मृत्यु के बाद आत्मा उस दान की गई
गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी पार करती है.


गौ दान से व्यक्ति के पाप क्षीण हो
जाते हैं और आत्मा शुद्ध हो जाती है.


यह कर्म जीवन और मृत्यु
दोनों में लाभकारी माना जाता है.


हर व्यक्ति को जीवन में गौ दान अवश्य करना
चाहिए ताकि मोक्ष और शांति मिल सके.