मोदी का कांग्रेस पर हमला: 'बाबा साहेब से नफरत, अब मजबूरन जय भीम' | ABP NEWS
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब अंबेडकर से नफरत की और अब मजबूरन जय भीम बोल रही है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. उन्होंने कांग्रेस की नीति को 'दूसरों की लकीर छोटी करना' बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपनी लकीर लंबी करने की बजाय दूसरों की लकीर छोटी करने में लगी रही, जिसका नतीजा उसकी वर्तमान दुर्दशा है| हमने सिर्फ उनकी मांग पूरी की इतना नहीं हमारे लिए उनका मान सम्मान भी उतना ही महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के 140,00,00,000 विदेशवासियों को हम जनता जनार्दन के रूप में कूजने वाले लोग हैं आदरणीय सभापति जी हमारे देश में जब जब आरक्षण का विषय आया तो उसको एक तंदरुस्त तरीके से समस्या के समाधान के लिए सत्य को स्वीकार करते हुए करने का प्रयास नहीं हुआ हर चीज़ में देश में विभाजन कैसे हो? तनाव कैसे पैदा हो, एक दूसरे के खिलाफ़ दुश्मनी पैदा हो? वही तरीके अपनाए गए। देश आजाद होने के बाद जब जब ये प्रयास हुए हैं, इसी तरीके से हुए हैं।पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और सबका साथ, सबका विकास के मंत्र।प्रेरणा से दिया कि हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10% आरक्षण दिया बिना तनाव के, बिना किसी का छीन करके और जब ये निर्णय किया।तो एससी समुदाय ने भी उसको स्वागत किया।एसटी समुदाय ने भी स्वागत किया।ओबीसी समुदाय ने भी स्वागत किया।किसी को भी पेट में दर्द नहीं हुआ क्योंकि इतना बड़ा निर्णय।लेकिन करने का तरीका था।सबका साथ सबका विकास और तब जा करके बहुत ही सवस्थ शांत तरीके से पूरे राष्ट्र ने इस बात को स्वीकार किया आदरणीय सभापति जी हमारे देश में।दिव्यांगों की कभी सुनवाई जितनी मात्रा में होनी चाहिए थी, नहीं हुई।जब सबका साथ सबका विकास का मंत्र होता है न तो मेरे दिव्याँग जन भी वो सबके कैटेगरी में होते हैं।और तब जा करके हमने दिव्यांगों के लिए आरक्षण का विस्तार किया।दिव्यांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए मिशन मोड में काम किया दिव्यांगों के कल्याण के लिए।अनेक योजनाएं बनाईं, लेकिन योजनाओं को लागू भी किया।ये इसके कारण इतना ही नहीं आदरणीय सभापति जी ट्रांसजेंडर ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के अधिकारों को ले करके।हमने उसको कानूनी रूप से उसको पुक्त करने के लिए प्रमाणिकता पूर्वक प्रयास किया।सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को हम कैसे जीते हैं?ये हमने समाज के उस उपेक्षित वर्ग की तरफ भी।हमने बड़ी संवेदना के साथ देखा आदरणीय सभापति जी, भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता है, लेकिन उनको अगर अवसर मिले और वो नीती निर्धारण का हिस्सा बने तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है और इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने ही और इस सदन का पहला निर्णय हु हम देशवासी गर्व कर सकते हैं। ये सदन इस बात के लिए याद रखा जायेगा ये नया सदन सिर्फ उसके रूप रंग के लिए नहीं, ये नया सदन का पहला निर्णय था नारी शक्ति बंधन हैं।इस नए सदन को हम किसी और तरीके से भी कर सकते थे।हम हमारी वाहवाही के लिए भी उपयोग कर सकते थे पहले भी होता था, लेकिन हमने तो मातृशक्ति की वाहवाही के लिए इस सदन का आरंभ किया था।मातृ शक्ति के आशीर्वाद से ये सदन अपना कार्य आरंभ किया है। आदरणीय सभापति जी, हम जानते हैं इतिहास की तरफ अब थोड़ी नजर करें।यानी मैं कह रहा हूँ लेकिन बाबा साहब अंबेडकर के साथ कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी उनके प्रति?कितना गुस्सा था और किसी भी हालत में बाबा साहब की हर बात के प्रति कांग्रेस चिढ़ जाती थी और इसके इसके सारे सारे दस्तावेज मौजूद हैं।और इस गुस्से को दो दो बार।बाबा साहब को चुनाव में पराजित करने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया कभी भी बाबा साहब को?कभी भी बाबा साहब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया।आदरणीय सभापति जी, कभी भी बाबा साहब को भारत रत्न योग्य नहीं समझा गया।इतना ही नहीं।आदरणीय सभापति जी, इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया, सर्व समाज ने आदर किया और तब आज मजबूरनआज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है।उनका मुँह सूख जाता है और आदरणीय सभापति जी।ये कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है।कितनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं ये इसमें साफ साफ नजर आ रहा है।आदरणीय सभापति जी, आप कांग्रेस का अध्ययन करेंगे।तो कांग्रेस की कांग्रेस की राजनीति जैसे हमारा मूल मंत्र रहा सबका साथ सबका विकास।वैसा उनका हमेशा रहा कि दूसरे की लकीर छोटी करना और इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया।किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसको अस्थिर कर दिया क्योंकि लकीर छोटी करो।दूसरे की इसी काम में वो लगे रहे और ये जो उन्होंने रास्ता चुना है ना औरों की लकीर छोटी करने का लोकसभा के बाद भी जो उनके साथ थे वो भी भाग रहे हैं।जब उनको पता चला कि हमें भी मार डालेंगे और यही उनकी नीतियों का परिणाम है कि आज ये हाल हो गए हैं कांग्रेस के देश की सबसे पुरानी पार्टी आजादी के आंदोलन से जुड़ी पार्टी इतनी दुर्दशा, ये औरों की लकीर छोटी करने में अपनी शक्ति खपा रहे है ना अगर वो खुद की लकीर लंबी करते? तो उनकी ये दशा नहीं होती और मैं बिना मांगे एडवाइस दे रहा हूँ।आप अपनी लकीर लंबी करने में मेहनत कीजिए।सोचिए तो कभी न कभी देश आपको भी ये 10 मीटर दूर आने का अवसर देगी।आदरणीय सभापति जी, बात में बहुत सुरी की बात है।बाबा साहेब ने एससी एसटी समुदाय की बुनियादी चुनौतियों को बहुत बारीकी से समझा था।बहुत गहराई से समझा था और खुद भोगी थे। इसमें एक दर्द भी था, पीड़ा भी थी और।