कुछ चीजों के लिए कुछ खास दस्तावेज का होना बेहद जरूरी होता है. भारत में अलग-अलग चीजों के लिए दस्तावेज बनाए गए हैं. जो पहचान पत्र के तौर पर भी इस्तेमाल होते रहते हैं. अगर किसी को विदेश में यात्रा करनी है. तो उसके पास पासपोर्ट होना बेहद जरूरी है. भारत में पासपोर्ट बनवाना आसान काम नहीं है. इसके लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पासपोर्ट बनवाते समय क्या-क्या हो सकती है परेशानियां आइए जानते हैं. 


पहचान पत्रों में नाम अलग हुए तो होनी मुश्किल


भारत में कई तरह के पहचान पत्र वैध माने जाते हैं. जिनमें फिलहाल आधार कार्ड सबसे काॅमन है. लेकिन यह देखने को मिला है कि आधार कार्ड में और दूसरे पहचान पत्र यानी कि जैसे मतदाता पहचान पत्र में लोगों के नाम थोड़े से अलग लिखे होते हैं. जैसे किसी का नाम अशोक शर्मा आधार कार्ड में है तो वहीं मतदाता पहचान पत्र में उसका नाम अशोक कुमार शर्मा है. तो फिर ऐसे में उसे दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए पहले ही सभी पहचान पत्रों में अपना नाम सही करवा लें. 


डेट ऑफ बर्थ अलग हुई तो दिक्कत होगी


डेट ऑफ बर्थ के लिए भारत सरकार ने कुछ चुनिंदा दस्तावेजों को ही प्रमाण पत्र के तौर पर वैध माना है. अगर आप दस्तावेजों में एक से अधिक दस्तावेज दे रहे हैं लेकिन दोनों में आपकी डेट ऑफ बर्थ अलग है तो फिर आपको समस्या हो सकती है. क्योंकि कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि आधार कार्ड में डेट ऑफ बर्थ कुछ और होती है और मतदाता पहचान पत्र में कुछ और जिसके चलते एप्लीकेशन रद्द भी हो सकता है. 


पुलिस वेरीफिकेशन


पासपोर्ट के बनने में पुलिस वेरिफिकेशन एक बेहद अहम पद होता है. अक्सर लोग जो किसी किराए के मकान में रहते हैं. और कुछ समय बाद वह कहीं और चले जाते हैं. उनके आधार कार्ड पर लेकिन वही पुराना पता होता है. पर पासपोर्ट के दस्तावेजों पर वह अपना नया पता डालते हैं. ऐसे में फिर पुलिस वेरिफिकेशन में समस्या होती है. इसीलिए आधार कार्ड में भी अपना एड्रेस वर्तमान पते के साथ अपडेट करवा लें. 


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