Property Dispute: संपत्ति के लिए मुकदमे और झगड़े आपने कई बार देखे और सुने होंगे. कई मामले को पिछले कई सालों से कोर्ट में चल रहे हैं, जिनका अब तक फैसला नहीं हो पाया है. संपत्ति के बंटवारे के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज वसीयत होती है. वसीयत लिखे जाने के बाद संपत्ति का विवाद लगभग खत्म हो जाता है. वसीयत में जो कुछ लिखा गया है, उसी हिसाब से संपत्ति का बंटवारा होता है. अब अगर किसी व्यक्ति की मौत वसीयत लिखे जाने से पहले ही हो गई तो संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है? आइए हम आपको बताते हैं...
वसीयत से तय होता है संपत्ति का बंटवारा
वसीयत या विल लिखे बिना ही अगर किसी शख्स की मौत हो जाती है तो उत्तराधिकार कानून के तहत इसका निपटारा होता है. हालांकि ये पूरी प्रक्रिया आसान नहीं होती है. अब पहले आपको ये बताते हैं कि वसीयत आखिर क्या होती है. वसीयत कानूनी तौर पर पूरी तरह वैध होता है. वसीयत एक ऐसा दस्तावेज है, जो बताता है कि शख्स की मौत के बाद उसकी संपत्ति का बंटवारा कैसे किया जाए.
मौत के बाद कैसे होता है निपटारा?
अगर किसी शख्स की बिना वसीयत लिखे मौत होती है तो उसके बाद कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है. कुछ धर्मों में संपत्ति के बंटवारे के अपने नियम कानून हैं. जैसे मुस्लिम समाज में शरीयत एक्ट के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा किया जाता है. बाकी के मामलों में उत्तराधिकार कानून के तहत फैसले होते हैं. आमतौर पर देखा जाता है कि ये पूरी प्रक्रिया काफी लंबी चली जाती है, कई बार दूसरी पीढ़ी तक फैसले नहीं हो पाते हैं.
कोई भी 18 साल से ऊपर और मानसिक तौर पर स्वस्थ व्यक्ति अपनी वसीयत लिख सकता है. इसमें उन तमाम चीजों को डाला जाता है, जिन पर उसका मालिकाना हक होता है. वसीयत को कई बार बदला जा सकता है और इसे किसी के नाम भी किया जा सकता है. यानी व्यक्ति किसी दूसरे के नाम भी अपनी पूरी संपत्ति कर सकता है.