यूपी सरकार अपने राज्य के नागरिकों के लिए आए दिन किसी न किसी योजना का ऐलान करती रहती है. इनमें कुछ योजनाएं खेती से जुड़ी होती हैं. तो वहीं कुछ गरीब परिवारों के लिए राहत देने वाली होती है. सरकार की ओर से लगभग सभी तबकों से आने वाले लोगों को कवर करने की कोशिश होती है. इस बार जो योजना शुरू की जा रही है. वह सीधे लोगों की रसोई से जुड़ी है.
दरअसल यह नई योजना एलपीजी गैस सिलेंडर के इस्तेमाल को लेकर है. सरकार की इस योजना से गांवों में रहने वाले किसानों और आम लोगों की सिलेंडर पर इस्तेमाल करना काफी हद तक खत्म हो जाएगा. ऐसे में अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है क्या वाकई यूपी सरकार की यह योजना LPG सिलेंडर को रिप्लेस कर देगी. चलिए आपको बताते हैं इस बारे में पूरी जानकारी.
गांवों में बायोगैस यूनिट लगाई जाएंगी
यूपी सरकार अब गांवों में बायोगैस यूनिट लगाने की तैयारी में है. किसानों के घरों और खेतों में ये प्लांट सेटअप किए जाएंगे ताकि किचन फ्यूल का नया सोर्स तैयार हो सके. इस स्कीम के जरिए किसानों को सिर्फ कुकिंग गैस का दूसरा ऑप्शन ही नहीं मिलेगा. बल्कि साथ में जैविक खाद भी बनेगा. यानी एक ही यूनिट से डबल फायदा मिलेगा. इस योजना के जरिए सरकार चाहती है कि गांव अपनी एनर्जी जरूरतें खुद पूरी करें और एनवायरनमेंट फ्रेंडली तरीके से आगे बढ़ें. फिहलाल यह योजना गोशालाओं तक सीमित है. लेकिन सरकार इसे हर किसान के घर तक पहुंचाने का लक्ष्य रख रही है.
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एलपीजी सिलेंडर हो जाएंगे रिप्लेस?
यूपी सरकार की नई स्कीम से गांवों में एलपीजी सिलेंडर की जरूरत काफी हद तक खत्म हो सकती है. बायोगैस प्लांट सीधे किसानों के घरों या खेतों के पास लगाए जाएंगे. वहां से उन्हें किचन के लिए गैस और खेत के लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर दोनों मिलेगा. उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अधिकारी डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक, इन प्लांट्स के बाद गांवों में एलपीजी सिलेंडर की खपत लगभग 70 प्रतिशत तक कम हो जाएगी.
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यानी जिन परिवारों का हर महीने गैस सिलेंडर भरवाने पर खर्च हो रहा था. वो अब बायोगैस की वजह से काफी हद तक बच सकेगा. हालांकि यह एलपीजी सिलेंडर को रिप्लेस कर देगा फिलहाल यह कह पाना सही नहीं होगा. इस बायोगैस यूनिट से खेतों के लिए बाहर से केमिकल फर्टिलाइजर खरीदने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. सरकार का मकसद है कि गांव एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर बनें और किचन का खर्च भी कम हो.
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