Copyright Act: चोरी बहुत तरह की होती है. किसी के घर से सामान चुराना हो या किसी के अकाउंट से पैसे चुराना हो दोनों ही अपराध होते हैं. कुछ छोरी ऐसी होती हैं जिन्हें विशेष कैटेगरी में रखा जाता है. उनके लिए अलग से कानून भी बनाए गए हैं. 


जैसे कि किसी गीतकार ने कोई गीत लिखा. और किसी गायक या संगीतकार ने उसे चुरा कर उसे गा दिया.  यह चोरी भारत के कॉपीराइट कानून के नियम का उल्लंघन होती है. और ऐसे में चोरी करने वाले को लाखों का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. चलिए जानते हैं इसको लेकर क्या कानून है. 


क्या होता है कॉपीराइट कानून?


कुछ लोगों को कॉपीराइट कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती. तो उन्हें हम बता दें दुनिया में बहुत सी चीज ऐसी होती हैं जो इंसानी दिमाग की उपज होती है. जैसे किसी को घर बनाना हो तो उसके लिए सामग्री की जरूरत पड़ेगी. लेकिन किसी को गीत बनाना हो या कोई किताब लिखनी तो उसके लिए सोच और दिमाग का इस्तेमाल करना होता है. जैसे किसी गीतकार ने गीत लिखा या लेखक ने किताब लिखी तो वह लिखने वाले की प्रॉपर्टी होती है. इसके लिए टर्म इस्तेमाल किया जाता है इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी. 


इस गीत और किताब को इस्तेमाल करने की इजाजत लिखने वाले से लेनी होती है. वह जिसे इजाजत देता है. वही इसका इस्तेमाल कर सकता है.  बिना इजाजत अगर इस्तेमाल किया गया. तो यह कॉपीराइट कानून का उल्लंघन होता है. और यह कॉपीराइट कानून सिर्फ गीत किताबें ही नहीं बल्कि संगीत और कई क्षेत्रों में इस्तेमाल होता है. इस कानून से क्रिएटर को उसके काम को सुरक्षित रखने और उसका गलत इस्तेमाल करने से बचाया जाता है. 


क्या है कॉपीराइट को लेकर नियम?


भारत में किसी भी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का कॉपीराइट करवाया जा सकता है. कॉपीराइट अधिनियम 1957 के तहत कॉपीराइट के लिए अप्लाई किया जा सकता है. कॉपीराइट एक्ट की धारा 52 के अनुसार कंटेंट का पर्सनल इस्तेमाल करना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं माना जाता. कॉपीराइट लिए कोई भी आवेदन दे सकता है  इसके लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट copyright.gov.in पर जाना होता है. 


कॉपीराइट का उल्लंघन करने पर जुर्माना देना होता है 


अगर किसी ने किसी की चीज को चोरी करके उसका इस्तेमाल किया है. तो वह कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है. इसमें 1 साल तक की सजा दी जाती है. तो वहीं उसके कंटेंट से जो भी मुनाफा कमाया है. उसके तहत क्रिएटर को उतना ही डैमेज क्लेम मिलता है. यानी कॉपीराइट क्लेम करने वाले आरोपी को लाखों ही नहीं करोड़ों रुपए भी देने पड़ जा सकते हैं.  


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