अपना घर होना सभी का एक सपना होता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत से लोग काफी मेहनत करते हैं. लेकिन तब भी वह घर नहीं ले पाते हैं. देश के ऐसे गरीब जरूरतमंदों को भारत सरकार की ओर से मदद दी जाती है. सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए इन लोगों को घर मुहैया करवाए जाते हैं. लेकिन हाल ही में इस योजना के नाम पर लोगों के साथ ठगी भी की गई है. जिसमें कई लोगों के पैसे डूब गए हैं.
कुछ जालसाज योजना में फ्लैट दिलाने का फर्जी दावा करके लोगों से ठगी कर रहे हैं. कई मामलों में लोगों से बैंक डिटेल्स या रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पैसे ले लिए जाते हैं और बाद में पता चलता है कि पूरा मामला फर्जी था. कई बार लोग समझ नहीं पाते कौन असली है और नकली. चलिए हम आपको बताते हैं जालसाज किस तरह धोखा देते हैं और आपको खुद को बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
जालसाज कैसे फंसाते हैं जाल में?
ठग अक्सर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर सस्ती कीमत में फ्लैट दिलाने का लालच देते हैं. लाखों के फ्लैट के बदले वे सिर्फ 50 हजार रुपये तक की रकम मांगते हैं. जो लोगों को फायदे का सौदा लगता है और वह पैसे दे देते हैं. इसके बाद वह अन्य कागजी कार्यवाही और NOC के नाम पर और रकम वसूलते हैं. लोगों को शुरू में धोखाधड़ी का अंदाजा नहीं होता.
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और वह बार-बार पैसे देते रहते हैं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जहां ठग लोगों को फर्जी लोकेशन पर लेकर गए. नकली फ्लैट दिखाया और यहां तक कि झूठी चाबी भी थमा दी. लेकिन बाद में सच सामने आने पर लोगों को समझ आया कि जिस पर भरोसा किया. वह तो ठग था मगर तब तक कई लोग उसके जाल में फंस चुके थे.
सुरक्षित रहने के तरीके
अगर कोई आपको प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर कम दाम में फ्लैट दिलाने का वादा करे तो तुरंत सतर्क हो जाएं. असली योजना में कहीं भी 50 हजार या अलग से रकम जमा कराने की शर्त नहीं होती. किसी भी कॉल, मैसेज या व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट pmaymis.gov.in पर जाकर जानकारी जांचें. अगर कोई आपको फ्लैट दिखाने या चाबी देने के बदले पैसे मांगता है.
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तो समझ लें कि यह धोखाधड़ी है. अपनी बैंक डिटेल्स, OTP या डॉक्यूमेंट कभी भी अनजान लोगों के साथ शेयर न करें. अगर शक हो तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या पुलिस में शिकायत दर्ज करें. जागरूक रहना ही सबसे बड़ा बचाव है. याद रखें असली योजना का लाभ सिर्फ सरकारी पोर्टल के जरिए ही मिलता है और उसमे किसी तरह के पैसे नहीं मांगे जाते हैं.
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