Landside Safe Driving Tips: देश के कुछ हिस्सों में बारिश ने जहां लोगों को राहत दी है. तो वहीं पहाड़ी राज्यों में तबाही का कारण बन गई है. खासकर हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार बारिश के चलते कई जगहों बादल फटने से लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं. जिनमें कई लोगों की जान भी चली गई. इन दिनों में पहाड़ों में सफर करना सिर्फ रोमांचक ही नहीं है बल्कि बहुत जोखिम से भरा भी है.
अगर आप इन इलाकों में अपनी गाड़ी से ड्राइव कर रहे हैं. तो फिर आपको सतर्क रहना बेहद जरूरी है. नहीं तो जरा सी लापरवाही से बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है. चलिए आपको बताते हैं ऐसी टेक्निक जिसकी मदद से आप संभावित लैंडस्लाइड ज़ोन को पहले ही पहचान सकते हैं और वक्त रहते खुद को बचा सकते हैं.
पहाड़ों में ड्राइविंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
मानसून के सीजन में अगर आप पहाड़ों पर अपनी गाड़ी लेकर जा रहे हैं. तो आपको खास एहितयात बरतने की जरूरत है. उत्तराखंड और हिमाचल में लैंडस्लाइड की वजह से लोगों को खूब परेशानी का सामना करना पड़ा है. यहां तक कि कई लोगों की जान भी चली गई है. इसलिए इस मौसम में आप गाड़ी से वहां जा रहे हैं. तो फिर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आपको यह टेक्निक अपनानी है. दरअसल यह कोई डिवाइस या फिर कोई मशीन नहीं है बल्कि यह एक ऑब्जर्वेशन के हिसाब से तय किया सेफ्टी अप्रोच है.
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यानी आस पास के हालात पर नजर रखते हुए फैसले लेना जो कि आपको लैंडस्लाइड से बचा सकता है. जब आप पहाड़ों पर ड्राइव करते हुए जा रहे हो और सड़क के किनारे गिरी हुई ढीली मिट्टी के पुराने मलबे दिखाई दें. आपको सड़क पर पानी बहता हुआ दिखाई दे. या किसी चट्टान के टुकड़े नजर आएं. तो समझ जाएं आप लैंडस्लाइड जोन के करीब है. ऐसे में वहीं रुक जाए हो सके तो वापस लौट जाएं.
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इन चीजों का करें इस्तेमाल
आज के दौर में टेक्नोलॉजी लोगों की काफी काम आती है. इसलिए आप रियल टाइम अपडेट्स लेते रहें. इसके अलावा आप मौसम की जानकारी भी लेते रहे बहुत सी ऐप स्लाइडिंग संभावित ज़ोन को भी बताती हैं. तो पहाड़ी राज्यों में लोकल प्रशासन भी इस बारे में जानकारी देता रहता है. अगर आपको जानकारी समय पर मिल जाती है तो आप उस रूट पर सफर बिल्कुल ना करें. क्योंकि पहाड़ों में सतर्कता से बड़ी सेफ्टी कुछ नहीं हो सकती. हालांकि पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर निर्भर ना हो. लोकल लोगों से भी जानकारी हासिल करते रहें.
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