Marriage Certificate: शादी हर इंसान की जिंदगी का एक अहम पड़ाव होती है. सभी धर्मों में इसकी खास मान्यता है. लोग रीतिरिवाजों और परंपराओं के साथ धूमधाम से शादी करते हैं. लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर्ड करवाते हैं और मैरिज सर्टिफिकेट बनवाते हैं. 

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आपको बता दें कि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के कई फायदे हैं. यह सिर्फ एक कागज़ी औपचारिकता नहीं बल्कि आपके अधिकारों की रक्षा करने वाला डाॅक्यूमेंट है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर शादी का सर्टिफिकेट बनवाना क्यों जरूरी है और इसे बनवाने के लिए प्रक्रिया क्या है.

क्यों जरूरी है मैरिज सर्टिफिकेट?

मैरिज सर्टिफिकेट आपके रिश्ते को कानूनी मान्यता देता है. तो इसके अलावा यह कई जरूरी मौकों पर आपके काम आता है. जैसे पासपोर्ट बनवाने, वीजा के लिए अप्लाई करने, बैंक या बीमा से जुड़े काम, प्रॉपर्टी विवाद या फिर पति-पत्नी के बीच किसी कानूनी मामले में. इसके अलावा अगर महिला को पति से कोई दिक्कत होती है.

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या उसे अपने हक और अधिकार साबित करने की जरूरत पड़ती है तो यह सर्टिफिकेट बेहद अहम भूमिका निभाता है. विदेश यात्रा से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक, यह एक वैध पहचान प्रमाण के रूप में काम करता है. इसलिए शादी के तुरंत बाद इसे बनवाना सही फैसला है.

कैसे बनवाया जाता है मैरिज सर्टिफिकेट?

शादी का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सबसे पहले आपको अपने इलाके के मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में आवेदन करना होता है. इसके लिए दूल्हा-दुल्हन की उम्र के सबूत, आधार कार्ड, पहचान पत्र और शादी की तस्वीरें जैसी कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ते हैं. कई राज्यों में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है. 

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जिससे यह प्रोसेस और भी आसान हो गई है. आवेदन के बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में डाॅक्यूमेंट्स की जांच की जाती है और फिर रजिस्टर्ड शादी का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है. इस प्रोसेस को पूरा होने में नार्मली कुछ हफ्तों का वक्त लगता है. 

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