FD Deposit Limit: आज के दौर में लोग निवेश को लेकर काफी सजग है. इसमें बहुत से लोग फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD में निवेश करना काफी सुरक्षित मानते हैं. FD हमेशा से उन लोगों की पहली पसंद रही है. जो रिस्क से दूर रहना चाहते हैं और अपने पैसे पर स्टेबल रिटर्न चाहते हैं. 

Continues below advertisement

इसमें आपको निश्चित ब्याज दर के साथ तय वक्त के बाद गारंटीड रिटर्न मिलता है. यही वजह है कि नौकरीपेशा से लेकर रिटायर्ड लोग तक FD को भरोसेमंद निवेश मानते हैं. लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि FD में अधिकतम कितनी राशि जमा की जा सकती है और उसकी सीमा क्या है. चलिए समझते हैं पूरा हिसाब.

FD में कितनी राशि जमा की जा सकती है?

बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता है एफडीआई में कितने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने FD में निवेश के लिए कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की है. यानी आप चाहें तो लाखों या करोड़ों रुपये तक भी FD करा सकते हैं. कई बैंक एक ही ग्राहक को अलग-अलग FD अकाउंट खोलने की भी छूट देते हैं. 

Continues below advertisement

यह भी पढ़ें: 60 दिन में ब्लॉक होगा PAN कार्ड? फटाफट पूरा करें लें ये काम

हालांकि बैंकिंग सुरक्षा के लिहाज से हर ग्राहक को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी DICGC के तहत सिर्फ 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है. इसमें मूल राशि और ब्याज दोनों शामिल होते हैं. अगर किसी कारण बैंक डिफॉल्ट कर जाता है. तो इतनी राशि तक ही आपका पैसा सुरक्षित रहेगा.

FD से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

हर बैंक में FD के नियम थोड़े अलग होते हैं. लेकिन ज्यादातर जगहों पर न्यूनतम जमा राशि 1000 से 10000 रुपये के बीच होती है. FD की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक तय की जा सकती है. अगर मैच्योरिटी से पहले FD तोड़ी जाती है, तो बैंक पेनल्टी या कम ब्याज दर लागू करता है. ब्याज दरें बैंक और जमा अवधि पर निर्भर करती हैं. जबकि सीनियर सिटीजन को आम तौर पर अधिक ब्याज मिलता है.

यह भी पढ़ें: खो गया फोन या हो गया चोरी तो न हो परेशान, जान लें घर बैठे-बैठे ट्रैक करने का तरीका

FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है. अगर ब्याज आय 40000 रुपये सीनियर सिटिज़न के लिए 50000 रुपये इससे ज्यादा है. तो बैंक TDS काटता है. टैक्स सेविंग FD में निवेश करने पर  इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. 

यह भी पढ़ें: क्रेडिट कार्ड EMI या पर्सनल लोन, जान लें आपके लिए बेहतर ऑप्शन कौनसा