Money Borrowing Tips: जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है. तो अक्सर लोग अपने दोस्तों या परिवार वालों से पैसे मांगते हैं. लेकिन कई बार दोस्तों से यह परिवार वालों से पैसे नहीं मिल पाते. फिर ऐसे में लोगों के सामने दो ऑप्शन होते हैं. क्रेडिट कार्ड EMI और पर्सनल लोन. इन दोनों से ही लोगों की पैसों की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाती है.

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मगर कई बार लोगों को यह पता नहीं होता. क्रेडिट कार्ड से पैसे लेकर EMI बनवाना फायदे भरा होता है. या फिर सीधे पर्सनल लोन लेना. इन दोनों में काफी फर्क होता है.जिसे समझना जरूरी है. क्योंकि गलत चीज चुनना जेब पर भारी पड़ सकता है. तो चलिए आपको बताते हैं दोनों के फायदे और नुकसान. जिससे आप आसानी से फैसला कर पाएं.

क्रेडिट कार्ड EMI सही या नहीं?

अगर आपके पास पहले से क्रेडिट कार्ड है. तो EMI का ऑप्शन सबसे आसान है. किसी भी बड़े खर्च को आप कुछ क्लिक में EMI में बदल सकते हैं. इसमें ब्याज दर आमतौर पर 13 से 18 प्रतिशत के बीच होती है. जो बैंक और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करती है. EMI की ड्यूरेशन 3 से 12 महीने तक रहती है. इसलिए यह शॉर्ट-टर्म जरूरतों के लिए ज्यादा सही है. 

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सबसे बड़ी बात इसमें कोई अलग डॉक्यूमेंटेशन नहीं लगता और अप्रूवल तुरंत हो जाता है. लेकिन ध्यान रहे अगर किसी महीने पेमेंट मिस हो गया तो ब्याज और पेनल्टी तेजी से बढ़ जाती है. इसके साथ ही क्रेडिट लिमिट भी ब्लॉक हो जाती है. जिससे आगे के खर्चों में दिक्कत आ सकती है. इसलिए EMI लेने से पहले यह जरूर सोचें कि हर महीने की किस्त आराम से भर पाएंगे या नहीं.

पर्सनल लोन के फायदे या नुकसान

अगर आपकी जरूरत थोड़ी बड़ी है. जैसे मेडिकल खर्च, शादी या घर की मरम्मत, तो पर्सनल लोन बेहतर रहेगा. इसमें ब्याज दर लगभग 10 से 16 प्रतिशत तक होती है. जो EMI से थोड़ी कम पड़ सकती है. पेमेंट टर्म भी लंबा होता है. आमतौर पर 1 से 5 साल तक. इससे आपकी मंथली EMI कम रहती है और बजट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता. इसके लिए कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट और अप्रूवल प्रोसेस से गुजरना पड़ता है.

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लेकिन अप्रूवल मिलते ही पूरा अमाउंट अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और इनकम स्टेबल है. तो पर्सनल लोन आपको सस्ते ब्याज पर मिल सकता है. कुल मिलाकर कहें तो छोटी जरूरतों के लिए क्रेडिट कार्ड EMI ठीक है. जबकि बड़ी रकम और लंबी योजना के लिए पर्सनल लोन ज्यादा समझदारी भरा ऑप्शन है.

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