ABP Network Reshaping India Conclave 2025: एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम रिशैपिंग इंडिया कांक्लेव 2025 में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भविष्य की योजनाओं और परिवहन सेक्टर के विज़न पर विस्तार से चर्चा करते हुए देश की जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा .सरकार का मकसद है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतें डीजल और पेट्रोल कारों के बराबर लाई जाएं. 

हालांकि अभी दोनों के दामों में बड़ा अंतर है और यही वजह है कि बहुत से लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने से बचते हैं. लेकिन सरकार की नीतियों और लगातार हो रहे तकनीकी सुधार से उम्मीद है कि आने वाले सालों में यह अंतर काफी कम हो जाएगा. चलिए आपको बताते हैं अभी कीमतों में कितना अंतर है. 

फिलहाल रेट में कितना फर्क? 

देश में फिलहाल इलेक्ट्रिक और पेट्रोल-डीजल कारों की कीमतों में बड़ा फर्क है. मार्केट में एक मिड-रेंज इलेक्ट्रिक कार लेने के लिए कम से कम 10 से 12 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जबकि इसी सेगमेंट की पेट्रोल या डीजल कार 6 से 8 लाख रुपये में आसानी से खरीदी जा सकती है. यानी शुरुआती कीमत का अंतर 3 से 4 लाख रुपये तक पहुंच जाता है. वहीं अगर हैचबैक सेगमेंट देखा जाए तो एक पेट्रोल कार करीब 5 से 6 लाख रुपये में मिल जाती है.

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तो वहीं इलेक्ट्रिक के लिए लगभग 8 से 9 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं. इसी तरह एसयूवी सेगमेंट में भी काफी अंतर नजर आता है. जहां पेट्रोल-डीजल एसयूवी 10 से 15 लाख रुपये तक आ जाती है. वहीं इलेक्ट्रिक एसयूवी 18 से 22 लाख रुपये तक जाती है. यही वजह है कि लोग अभी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने से पहले कई बार सोचते हैं हालांकि लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर चार्जिंग की कम लागत और मेंटेनेंस पर कम खर्च ईवी को बेहतर ऑप्शन बनाते हैं. लेकिन शुरुआती बजट का यह बड़ा गैप लोगों के बजट बिगाड़ देता है. 

इलेक्ट्रिक और फ्यूल कारों के दाम होंगे बराबर

एबीपी नेटवर्क के रिशैपिंग इंडिया कांक्लेव 2025 में नितिन गडकरी ने बात करते हुए कहा कि फिलहाल इलेक्ट्रिक गाड़ियां पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के मुकाबले महंगी है. क्योंकि उनकी बैटरी महंगी आती है. अब बैटरी के दाम काफी कम हो गए हैं.

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और आने वाले कुछ सालों में ही इलेक्ट्रिक कारों के दाम डीजल और पेट्रोल कारों के करीब पहुंच जाएंगे और तब लोग बड़ी संख्या में ईवी अपनाएंगे इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा .बल्कि देश की आयातित ईंधन पर निर्भरता भी घटेगी यानी इलेक्ट्रिक गाड़ियां भविष्य का सबसे बड़ा बदलाव साबित होंगी. 

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