Diesel Vehicles In Delhi: राजधानी दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों की लिस्ट में लगभग सबसे ऊपर है, साल में ज्यादातर महीने यहां पर पॉल्यूशन का स्तर खतरनाक से ऊपर ही होता है. सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी तक इसे लेकर लगातार चिंता जताते हैं. यही वजह है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए गए हैं, जिनमें पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर पाबंदी भी शामिल है. दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के मन में हमेशा से एक कंफ्यूजन रहा है कि क्या 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कार सड़कों पर चल सकती है या फिर नहीं... आज हम आपको इसका जवाब देते हैं. 


सोशल मीडिया पर कई दावे
इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे किए जाते हैं. जिनमें एक दावा ये भी है कि आप 10 साल से पुरानी डीजल कार का दोबारा रजिस्ट्रेशन या फिटनेस टेस्ट करवा सकते हैं. कई लोग जब सेकेंड हैंड कार लेते हैं तो इस झांसे में आकर फंस जाते हैं. दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से साफ किया गया है कि दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल कार और 15 साल पुरानी पेट्रोल-सीएनजी कार पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. 


पुरानी गाड़ियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी की तरफ से दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए ये फैसला लिया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. यानी आप किसी भी सूरत में फिलहाल दिल्ली और एनसीआर में 10 साल पुरानी डीजल कार नहीं चला सकते हैं, अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा. 


भरना पड़ेगा भारी जुर्माना
दिल्ली की सड़कों पर 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कार चलाने पर आपका सिर्फ चालान ही नहीं होगा, बल्कि आपसे इसके अलावा भी जुर्माना वसूला जाएगा. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान काटा जाता है, वहीं  पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत भी 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. अगर आप भी दिल्ली की सड़कों पर अपनी पुरानी कार को लेकर जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं, ऐसा करने पर आपका लंबा चौड़ा चालान काटा जा सकता है. साथ ही गाड़ी को भी सीज किया जा सकता है. 


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