Cooler Cooling Tips: पिछले कुछ महीने हफ्तों से उत्तर भारत में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ रही है. गर्मी के घर में रहना काफी मुश्किल हो गया है. लोगों ने ऐसे में गर्मी से बचने के लिए कूलिंग संसाधनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिसमें पहले नंबर पर कूलर आता है. मिडिल क्लास फैमिली वाले सभी लोग एसी और उसके बिल का खर्चा अफोर्ड नहीं कर पाते. 


इसलिए अधिकतर लोग कूलर का इस्तेमाल करते हैं. कूलर भी ठीक-ठाक ठंडी हवा देता है. लेकिन अगर कूलर की सही से देखभाल नहीं की जाए. तो फिर इसकी हवा कम ठंडी हो सकती है. चलिए जानते हैं कूलर में किस तरह की घास का इस्तेमाल करने से यह कम चलाने पर भी ठंडी हवा देता है. 


यह वाली घास सही रहती है


कूलर की हवा ठंडी करने के लिए कूलर में सही घास का होना बेहद जरूरी है. अगर आपके कूलर घास खराब हो गई है तो फिर आपका कूलर ठंडी हवा नहीं देगा. कूलर की घास दो तरह की आती. एक जो वजन के हिसाब से मिलती है. तो वहीं एक खिड़कियों के साइज के हिसाब से.  वजन वाली घास लोग अपनी मर्जी से जितना लगाना चाहे उतनी कूलर की खिड़कियों पर लगा सकते हैं. 


लेकिन कई बार ज्यादा घास लगाने से हवा पास नहीं हो पाती और कलर ठंडी हवा नहीं दे पाता. खिड़कियों के साइज वाली घास एकदम सही होती है. इसके बीच में जरूर अनुसार जगह छोड़ी जाती है. ताकि हवा पास होती रहे. लेकिन इसमें लोगों को दुकानदार कई बार पुरानी घास थमा देते हैं. पुरानी घास कूलर को कम ठंडा करती है. 


मार्केट में हनीकॉम्ब कूलिंग पैड कूलर भी है मौजूद


घास वाले कूलर लंबे अरसे से लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. तो वहीं अब मार्केट में एक और तरह का कूलर  मौजूद है. जिसे हनीकॉम्ब कूलिंग पैड कूलर कहते हैं. हनीकॉम्ब कूलिंग पैड को लेकर कहा जाता है कि इसमें पानी को ज्यादा देर तक सोख के रखने की क्षमता होती है.


इस वजह से यह देर तक ठंडी हवा देता है. लेकिन इसमें बड़े-बड़े छेद होने के कारण बाहर की गर्म हवा है इसमें ठंडी होने के लिए नहीं रूक पाती. हनीकॉम्ब कूलिंग पैड कूलर मार्केट में मिलने वाले नॉर्मल घास के कूलर से महंगा आता है. 


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