8th Pay Commission Arrears: केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से आठवें वेतन आयोग को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं. महंगाई लगातार बढ़ रही है. इलाज, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्च ने बजट पर दबाव बढ़ा दिया है. ऐसे में वेतन बढ़ने से राहत मिलेगी. लेकिन. बल्कि एरियर का भी है. अगर आठवां वेतन आयोग 12 महीने देरी से लागू होता है. तो बकाया राशि कितनी बनेगी.
यही सबसे बड़ा कन्फ्यूजन है. फिलहाल 1 जनवरी 2026 को एक संभावित कट ऑफ डेट माना जा रहा है. लेकिन सरकार की ओर से कोई आखिरी घोषणा नहीं हुई है. इस अनिश्चितता के बीच कर्मचारी यह समझना चाहते हैं कि देरी की स्थिति में उन्हें एरियर मिलेगा या नहीं और अगर मिलेगा तो उसका पूरा हिसाब कैसा बनेगा.
12 महीने देरी हुई तो एरियर कैसे बनेगा?
अगर मान लिया जाए कि आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2027 से लागू होता है. लेकिन इंप्लीमेंट डेट 1 जनवरी 2026 रहती है. तो पूरे 12 महीने का एरियर बनेगा. इस केस में नया वेतन और पुराना वेतन दोनों के अंतर को 12 से गुणा किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी की मंथली सैलरी में 45 हजार रुपये का इजाफा होता है. तो साल भर का एरियर करीब 5 लाख 40 हजार रुपये बनेगा. पेंशनर्स के मामले में भी यही फॉर्मूला लागू होगा. फर्क सिर्फ रकम का होगा.
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पुराने वेतन आयोग क्या कहते हैं?
पिछले वेतन आयोगों का रिकॉर्ड देखें तो कर्मचारियों को उम्मीद मिलती है. सातवां वेतन आयोग जून 2016 में लागू हुआ था. लेकिन एरियर 1 जनवरी 2016 से दिया गया. छठे वेतन आयोग में भी यही पैटर्न रहा. जहां मंजूरी देर से मिली. लेकिन भुगतान पिछली तारीख से हुआ. पांचवें वेतन आयोग में भी सरकार ने एरियर देने से पीछे कदम नहीं खींचा. इसी वजह से माना जा रहा है कि अगर आठवें वेतन आयोग में देरी भी होती है. तो एरियर 1 जनवरी 2026 से मिल सकता है.
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सैलरी कितनी बढ़ेगी तो एरियर कितना बदलेगा?
आठवें वेतन आयोग में सैलरी बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगी. अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 माना जाए तो फर्क साफ दिखेगा. मान लें किसी कर्मचारी का मौजूदा कुल वेतन करीब 1 लाख 44 हजार रुपये है. नए सैलरी स्ट्रक्चर में यह बढ़कर लगभग 1 लाख 94 हजार रुपये तक जा सकता है. यानी हर महीने करीब 50 हजार रुपये का अंतर. ऐसे में 12 महीने का एरियर सीधे 6 लाख रुपये के आसपास पहुंचेगा. यही वजह है कि कर्मचारी देरी से ज्यादा एरियर मिलने की उम्मीद भी लगाए बैठे हैं.
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