दिल्ली में इन मजदूरों को सरकार से नहीं मिलेंगे 10 हजार रुपये, जानें कितने हैं अनवेरिफाइड वर्कर्स?
प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से सरकार को सख्त कदम उठाने पड़े हैं. बढ़ते प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है. इस फैसले से एक तरफ जहां हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है.
वहीं दूसरी ओर दिहाड़ी मजदूरों की रोजी रोटी पर सीधा असर पड़ा है. काम बंद होने से हजारों मजदूरों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मजदूरों की परेशानी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राहत का एलान किया है.
सरकार ने कहा है कि निर्माण कार्य बंद रहने के दौरान मजदूरों को आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके तहत योग्य मजदूरों के बैंक खातों में 10 हजार रुपये भेजे जाएंगे, ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में कुछ सहारा मिल सके.हालांकि इस योजना का लाभ सभी मजदूरों को नहीं मिलेगा.
सरकार ने साफ किया है कि यह सहायता केवल वेरिफाइड मजदूरों को ही दी जाएगी. यानी जिन मजदूरों का रिकॉर्ड सरकार के पास सही तरीके से दर्ज और सत्यापित है. वही इस सहायता के हकदार होंगे. अनवेरिफाइड मजदूर इस दायरे से बाहर रहेंगे.
सरकार ने यह बताया है कि इस सहायता के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी है. दिल्ली में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले मजदूर निर्धारित पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही उन्हें योजना का लाभ मिलेगा.
मंत्री कपिल मिश्रा के मुताबिक फिलहाल दिल्ली में वेरिफाइड मजदूरों की संख्या करीब 10 हजार है. इन्हीं मजदूरों को 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. यह राशि 16 दिनों के मुआवजे के तौर पर तय की गई है. क्योंकि GRAP 3 के तहत इतने दिनों तक निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है. इन मजदूरों के अलावा सभी अनवेरिफाइड मजदूर कैटेगरी में आएंगे उन्हें लाभ नहीं मिल पाएगा.