22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में कम से कम 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हुई और 17 से ज्यादा घायल हो गए. हमले के बाद पाकिस्तान ने इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि "हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है.
हम हर प्रारूप में आतंकवाद की निंदा करते हैं." लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी लोगों के रिएक्शन आने लगे जो कि पहलगाम हमले के बाद दिए गए हैं.
पहलगाम हमले पर पाकिस्तान से आए रिएक्शन
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि "पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों पर हुई गोलीबारी बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. ऐसे कायराना हमलों की हर स्तर पर कड़ी निंदा होनी चाहिए." इसके अलावा साइरल अलमिदा जो कि पाकिस्तान के एक जिम्मेदार पत्रकार हैं. पाकिस्तान के नागरिक यासिर मकबूल ने भी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए हामिद मीर पर रिप्लाई देते हुए लिखा कि बेकसूर पर्यटकों पर हुए बर्बर गोलीबारी हमले की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. आतंकवाद किसी भी रूप में और कहीं भी हो, अस्वीकार्य है.
उन्होंने लिखा कि अगर भारत ने तय कर ही लिया है कि हमला किसने किया है और जवाबी कार्रवाई जरूरी है तो फिर उसे कौन रोक पाएगा?
वहीं कई सारी पाकिस्तानी पोस्ट सोशल मीडिया पर सामने आई जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान पर भारत हमला कर सकता है लेकिन हम तैयार हैं. Parizad नाम के एक यूजर ने लिखा..."भारत में इतना बड़ा हादसा हो गया और हमारे (पाकिस्तानी) जनरलों की गंभीरता का ये हाल है कि एक मैट्रिक पास कर्नल सिर्फ ढाई लाइनों का वही घिसा-पिटा जुमला (राजनीतिक रूप से विपक्षी माने जाने वाले) पत्रकारों और मूर्ख बुद्धिजीवियों को भेज रहा है.
पाकिस्तान को सता रहा सर्जिकल स्ट्राइक का डर?
वहीं भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि भारत की तरफ से किसी भी हमले को नाकाम करने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से तैयार है. मुझे कोई शक नहीं कि पाकिस्तान इसका मुंह तोड़ जवाब देगा. हालांकि पाकिस्तान के लोगों के मन में खौफ का भी माहौल है, जिसमें कुछ लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वो कुछ भी बुरा होने से बचा ले, साथ ही कई लोग आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की भी बात कर रहे हैं.
हमले की जिम्मेदारी 'कश्मीर रेजिस्टेंस' नामक संगठन ने ली है, जिसने 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद क्षेत्र में बाहरी लोगों की बसावट का विरोध किया है. हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में ही छोड़ दी और भारत लौट आए हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटनास्थल का दौरा किया और जांच के आदेश दिए हैं.
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