Trending Video: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अमेरिका के एक कॉलेज का है जहां पर एक लड़की को सिर्फ इसलिए पीटा जा रहा है क्योंकि वह गाजा के लोगों के पक्ष में प्रोटेस्ट कर रही थी. लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई थी और क्या यह वीडियो गलत जानकारी के साथ शेयर किया गया? इसे लेकर उठ रहे सवालों का आज हम आपको जवाब देंगे. वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा...." यह अमेरिका है लोकतंत्र और स्वतंत्रता को जन्म देने वाला अमेरिका...पुलिस जिस छात्रा को पीट रही है उसका गुनाह सिर्फ ये था कि उसने गाजा में चल रहे युद्ध का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया था.


दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ये दिखाया गया कि कैसे एक कॉलेज की स्टूडेंट को पुलिसकर्मी बुरी तरह से पीट रहे हैं, और इस मार खा रही छात्रा का गुनाह सिर्फ यह है कि इसने गाजा में चल रहे युद्ध का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया. दरअसल, अमेरिका इस दुनिया की सबसे पुरानी लोकतांत्रिक व्यवस्था है और इसी बात को वायरल हो रहे वीडियो में भी कहा गया है. Maria Benmerbi नाम के एक्स अकाउंट से शेयर किया गया है, इसके अलावा भी कई और यूजर वीडियो को शेयर कर इसी तरह के दावे कर रहे हैं. जहां वीडियो को अमेरिका का बताकर छात्रा की पिटाई को गाजा से जोड़ा जा रहा है.


दावेदार वीडियो






ये है वीडियो की हकीकत
वायरल वीडियो से मिले कीफ्रेम के आधार पर डीएफआरएसी टीम ने पाया कि यह वीडियो 2023 से ऑनलाइन मौजूद है, वीडियो रेडिओ जेनोआ के एक्स हैंडल पर पाया गया है. जिसे 24 मई 2023 को पोस्ट किया गया था. आगे की जांच करने पर डीएफआरएसी की टीम को मई 2024 में छपी हुई ला वोसे डी न्यूयॉर्क और लूनियोन सारदा की रिपोर्टें मिली. पाई गई रिपोर्ट के अनुसार मिलान पुलिस ने एक ब्राजीलियाई ट्रांसजेंडर को डंडो और काली मिर्च के स्प्रे से पीटा क्योंकि उसकी तलाश कई दिनों से जारी थी. यह ट्रांसजेंडर कई दिनों से स्कूल के गेट पर स्कूली बच्चों को परेशान कर रही थी. वीडियो में चार पुलिस वाले इस ट्रांसजेंडर की पिटाई करते दिख रहे हैं जिसे वहां खड़े बोकोनी यूनिवर्सिटी के बच्चों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. 



यह है फाइनल रिपोर्ट
डीएफआरएसी वेबसाइट की मानें तो वायरल वीडियो आज का नहीं बल्कि मई 2023 का है. वीडियो में दिखाई दे रही महिला एक ट्रांसजेंडर है जिसे पुलिस वालो ने पीटा है, ना कि एक अमेरिकी स्टूडेंट जो कि गाजा में चल रहे युद्ध का विरोध कर रही थी. इसलिए तमाम यूजर्स जो दावे कर रहे हैं वे डीएफआरएसी के अनुसार एक दम गलत हैं.


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