दिग्गज टेक कंपनी गूगल एंड्रॉइड प्रॉडक्ट में अपने डिवाइस काफी उम्मीद के साथ लॉन्च करती है लेकिन उनके स्मार्टफोन को ग्राहक कम नसीब होते हैं. इसके पीछे गूगल की मार्केटिंग स्ट्रेटजी काफी हद तक जिम्मेदार है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च में पता चला है कि भारतीय बाजर में एपल, सैमसंग और वनप्लस जैसी कंपनियों की तुलना में गूगल डिवाइस की कम ब्रिकी होती है.


2016 में लॉन्च होने के बाद गूगल ग्लोबल मार्केट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाया है, इसकी तुलना में चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. भारतीय बाजार में चीन की कंपनियों ने अपनी अलग छाप छोड़ी है जिसका मुकाबला गूगल अपने डिवाइस के जरिए नहीं कर पा रहा है.


इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गूगल अपने शानदार कैमरा वाले स्मार्टफोन बनाने के लिए जाना जाता है, लेकिन डिवाइस में लगने वाले बाकी हार्डवेयर की बात करें तो वह यूजर्स को अपनी परफॉर्मेंस की वजह से लुभा नहीं पाते हैं. यूजर्स का मानना है कि कनेक्टिविटी में ब्ल्यूटुथ के साथ कई प्रॉबलम देखे गए हैं.


गूगल ने इस परेशानियों को पहचाना और इन्हें दूर भी किया लेकिन इसका कोई फायदा होता नहीं दिखा.


गूगल जितनी कीमत में अपने स्मार्टफो लॉन्च करता है उन कीमत में चीनी कंपनियां बेहतरीन सुविधाओं के साथ अपने प्रॉडक्ट को मार्केट में उतारती हैं. मिड टीयर पिक्सल 3ए और विक्सल 3एएक्सएल को भारत में 39,999 और 44,999 रुपये की कीमत पर लांच किया गया. इन फोन्स के माध्यम से गूगल ने भारतीय बाजार में पीछे हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की. इन सबके बावजूद भारत में पिक्सल का कोई विस्तार नहीं हुआ और भारतीय बाजार गूगल के लिए पहले की ही तरह पहेली बना रहा.



क्या गूगल पिक्सल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज फोन की राह पर चल पड़ा है, जब माइक्रोसॉफ्ट को खराब बिक्री के कारण उन्हें बंद करना पड़ा था. माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम के कारण विंडोज 10 के उपयोगकर्ता अब एपल आईओएस या फिर एंड्रॉयड डिवाइसेज उपयोग में लाने के लिए बाध्य हैं.


त्योहारी सीजन आने वाला है और इस सीजन में फोन्स की बिक्री काफी बढ़ जाती है. ऐसे में गूगल को अपने प्रीमियम क्वालिटी स्मार्टफोन्स की बिक्री के लिए नए सिरे से विचार करने की जरूरत है. अगर गूगल ने ऐसा नहीं किया तो भारत में उसके लिए पिक्सल फोन्स को बचा पाना मुश्किल होगा.