तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी की दुनिया में इंसानी रोबोट को लेकर नया घमासान मचने वाला है. टेक जगत के कई दिग्गज नाम इन दिनों इंसानी रोबोट बनाने पर पैसे खर्च कर रहे हैं. इस लिस्ट में पहले से ही चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपन एआई का नाम शामिल था. अब दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक जेफ बेजोस और गूगल-अमेजन को पछाड़कर हाल ही में सनसनी बनी सेमीकंडक्टर कंपनी एनविडिया का भी नाम जुड़ गया है.


इन दिग्गज कंपनियों ने किया निवेश


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंसानी रोबोट यानी हुमनॉइड रोबोट बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी फिगर एआई में कई टेक दिग्गजों ने निवेश किया है. उनमें अमेजन, एनविडिया और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इस स्टार्टअप को पहले से ही ओपनएआई का सपोर्ट मिला हुआ है और कई निवेशकों के एक कंसोर्टियम ने पैसे लगाए हुए हैं.


फिगर एआई को मिले 675 मिलियन डॉलर


अब फिगर एआई को ताजे फंडिंग राउंड में लगभग 675 मिलियन डॉलर का निवेश मिला है, जिससे कंपनी की वैल्यू बढ़कर लगभग 2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. जेफ बेजोस ने फिगर एआई में 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. उन्होंने यह निवेश अपनी फर्म एक्सप्लोर इन्वेस्टमेंट्स एलएलसी के माध्यम से किया है. वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने फिगर एआई पर 95 मिलियन डॉलर का दांव लगाया है. उनके अलावा एनविडिया और अमेजन से जुड़े एक फंड ने भी 50-50 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.


पहले से इन निवेशकों का मिला है भरोसा


इंसानों जैसा रोबोट बनाने पर काम कर रही फर्म फिगर एआई को ओपन एआई से 5 मिलियन डॉलर का निवेश पहले ही मिल चुका है. ओपन एआई ने शुरुआत में फिगर एआई को खरीदने का प्रयास किया था. असफल रहने के बाद उसने 5 मिलियन डॉलर निवेश करने का फैसला लिया. फिगर एआई को इंटेल के वेंचर कैपिटल आर्म, एलजी इन्नोटेक, सैमसंग के इन्वेस्टमेंट ग्रुप, पार्कवे वेंचर कैपिटल, एलाइन वेंचर्स, एआरके वेंचर फंड, आलिया कैपिटल पार्टनर्स, टेमारैक आदि जैसे निवेशकों का भी सपोर्ट मिला हुआ है.


इतनी इंटेंस हो चुकी है एआई की रेस


टेक जगत खासकर एआई की दुनिया पिछले एक-डेढ़ साल से फोकस में हैं. ओपन एआई के लोकप्रिय प्रोडक्ट चैटजीपीटी ने इस मामले में बड़ा बदलाव लाया है. अभी के समय में गूगल से लेकर फेसबुक तक और एलन मस्क से लेकर जेफ बेजोस तक, टेक जगत का हर बड़ा नाम एआई पर काम कर रहा है. एआई की इस रेस में कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहता है. फिगर एआई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की चल रही रेस का नया आयाम है.


ये भी पढ़ें: महंगाई से कब मिलेगी राहत? अब एफएमसीजी कंपनियां गिराने वाली हैं गाज